सर्दियों में रखें अपना व अपनों का ख्याल

 

सर्दियों में रखें अपना व अपनों का ख्याल  


सर्दियों में हाथ-पैर ठंडा होना हमेशा सामान्य नहीं होता।
हमारा शरीर गर्म रहता है मगर सर्दियों में ज़्यादातर हाथ-पैर ठन्डे रहतें हैं। इसकी वजह हमेशा गिरता तापमान नहीं है, बल्कि हाथ-पैर ठंडे होने की वजह और भी हो सकती हैं।

यदि गर्म कपड़े जुराबें और अच्छा खानपान लेने के बावजूद आपके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं, तो यह चिंता का विषय है। मौसम में बढ़ती ठंड के अलावा यह अन्य स्वास्थ्य जोखिमों का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करने की ज़रूरत हो सकती है।

सर्दियों
में हाथ-पैर ठंडे होने के सामान्य कारण

वातावण में तापमान की कमी, चाहे वह सामान्य हो या मानव निर्मित, यह शरीर की गर्मी को कम कर देती है जिसके कारण शरीर में मौजूद वाहिकाएँ (नसें) संकुचित हो जाती है। वाहिकाओं के संकुचित हो जाने के कारण खून के बहाव में अवरोध उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण हाथ-पैर ठन्डे हो जाते हैं।

ज़्यादा चिंता और तनाव के कारण एड्रेनालाईन हॉर्मोन (Adrenaline Hormone) निकलता है। जो रक्त वाहिकाओं को कसना शुरू कर देता है। जिसकी वजह से शरीर ठंडा हो जाता है।

 

कुछ और बीमारियों का भी संकेत हो सकता है

थायराइड हार्मोन नियंत्रण ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation), दिल की धड़कन और शरीर के तापमान के नियमन के लिए जिम्मेदार है। थायराइड हार्मोन का स्तर कम होने से चयापचय (metabolism) की गतिविधि कम हो जाती है और जिसके कारण हाथ और पैर ठंडे हो जाते हैं।

जिन व्यक्तियों को बाहरी चोट लगने के कारण या फिर अंदरूनी बिमारियों जैसे जलन, लिवर या गुर्दे की बीमारी, पोषक तत्वों की कमी, संक्रमण आदि  के कारण तंत्रिका/नस क्षति (Nerve Damage) हो जाती है,  ऐसे रोगियों के हाथ-पैर भी ठंडे रहते हैं।

यदि आपके शरीर में खून की कमी है, तो आपके हाथ-पैर हमेशा ठंडे रह सकते हैं। शरीर में खून की कमी की वजह से अंगों में ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति कम हो जाती है।

 


सर्दी के मौसम में जोड़ो का भी रखें खास ख्याल

सर्दी के मौसम में दिन छोटे और रातें बड़ी होने से जीवनशैली बदल जाती है, खानपान का समय व शैली भी बदल जाती हैं! क्योंकि इस मौसम में लोग आराम अधिक करते हैं इस वजह से शारीरिक एक्टिविटी कम हो जाती है और  लोग व्यायाम करने से भी  कतराते हैं इसलिए जोड़ों का दर्द अधिक सताता है। 

 

सर्दी की समस्याओं से निजात दिला सकते हैं ये उपाय -

हाथों में दस्ताने (ग्लव्स) और पैरों में गर्म  मोजेजूते पहनने चाहिए और  शरीर को हमेशा गरम कपड़ों से ढक कर रखना चाहिए

नियमित रूप से व्यायाम के अलावा कूदना, दौड़ना, तेज चलना या घूमना चाहिए  क्योंकि इससे शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और हाथ-पैरों को ठंडा होने से रोकने का यह एक प्रभावी तरीका है। 

सर्दी से बचने के लिए हीटिंग पैड, गर्म पानी की बोतलें या रूम हीटर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

रोज सुबह जल्दी उठकर नियमित व्यायाम करें और  शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। नियमित ऐक्सरसाइज करने  से मांसपेशियों को खुलने में मदद मिलेगी और जोड़ों को जकड़न से राहत मिलेगी

जब बाहर तापमान अत्यधिक कम हो तो बाहर टहलने और अन्य गतिविधियों से बचें

जितना हो सके पानी पिएं। पानी की मात्रा की मात्रा काम न होने दें ठंडा पानी न पिया जाये तो गुनगुना पिएं।

ठंड से खुद को बचा कर रखें जिस हिस्से में दर्द हो उसे गरम कपड़े में लपेट कर रखें

ठंडी चीजें खाने से परहेज़ करें और गरम चीजों का सेवन अधिक करें, जैसे - लहसुन, अदरक, प्याज, मछली, गुड़, बादाम, काजू इत्यादि  का अधिक सेवन करें

चोकरयुक्त आटे की रोटी और मूंग की दाल का सेवन करें हरी सब्जियों व मूली, गाजर आदि का सेवन करें. ब्रोकली का उपयोग अधिक से अधिक करें. यह आर्थ्राइटिस को बढ़ने नहीं देती। इनके अलावा ड्राई फ़ूड जैसे कि काजू, बादाम, अख़रोट इत्यादि व इनसे बनी चीज़ों का सेवन करते रहिए

लगातार एक ही स्थिति में न बैठे रहें अपनी पोज़िशन बदलते रहें थोड़ी थोड़ी देर बाद चहलकदमी कर लें

सूर्य की रोशनी जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाती है, इसलिए प्रतिदिन कुछ देर धूप जरूर सेंकें

तेल से मसाज करें ताकि जोड़ों का दर्द दूर हो सके और मांसपेशियों में ताकत आए 

गरम पानी में थोड़ा सा नमक डाल कर उस में पैरों को डूबा कर रखें, ऐसा करने से पैरों  के जोड़ों को आराम मिलता है

 

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