जिंदगी की शुरुआत हो,
चाहे दिन की शुरुआत हो,
अगर दूध के साथ हो तो क्या बात हो !!
दूध हमारी जिंदगी का एक अहम/महत्वपूर्ण हिस्सा है जब एक बच्चा (बेबी) इस दुनिया में आता है तो उसकी सबसे पहली जरूरत दूध होती है और दूध ही वो चीज़ है जिसे पीकर हर इंसान अपनी ज़िन्दगी की पहली ज़रूरत को पूरी करता है!
एक बढ़ते हुए बच्चे के विकास (ग्रोथ) के लिए दूध बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि एक नवजात बच्चा (न्यू बॉर्न बेबी) सिर्फ दूध ही को अच्छे से पचा (डाइजेस्ट) सकता है और वही उसकी ताक़त का जरिया भी बनता है।
दूध हर उम्र के इंसान की जरूरत बना रहता है। वह अलग बात है कुछ इंसान इस बात को नहीं समझते।
दूध में कैल्शियम के आलावा विटामिन्स और मिनरल्स भी होते हैं, जो शरीर की माँसपेशियों व हड्डियों को मज़बूत बनाता है।
आजकल कई तरह के दूध मार्केट में मौजूद हैं-
भैंस और गाय का दूध:-
यह दूध सभी लोगों की पहुंच में नहीं होता। लेकिन जो भी इस दूध का सेवन करते हैं उनकी सेहत भी अच्छी रहती है, क्योंकि इस दूध में भी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं और मार्केट में मिलने वाले सभी दूध में यह सर्वोत्तम है, बशर्ते वह दूध ताज़ा व प्योर हो।
भैंस गाय का ताजा व बिना मिलावट वाला दूध मार्केट में मिलने वाले अन्य दूध की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है क्योंकि यह दूध प्राकृतिक रूप से गाय और भैंस के थनों से प्राप्त होता है जिसके कारण दूध में पोषक तत्व भी प्राकृतिक रूप में मौजूद होते हैं। इस तरह के दूध में फैट प्रोटीन विटामिन-डी, बी 1, फास्फोरस व कैल्शियम इत्यादि मौजूद होते हैं। ऐसे दूध को पीने से पहले उबाल लेना चाहिए ताकि दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाए।
भैंस गाय का दूध खरीदते समय कुछ आवश्यक सावधानियां जरूर अपनाएं जैसे कि सुनिश्चित करें कि जिस पशु का दूध निकाला जा रहा है, उसे कोई बीमारी तो नहीं। दूसरे शब्दों में कहें तो जिस पशु का दूध निकाला जा रहा है वह स्वस्थ होना चाहिए।
कुछ गायो व भैंसो का दूध निकालने से पहले ग्वाले उनको एक हार्मोन का इंजेक्शन लगाते हैं जिससे कि दूध की मात्रा बढ़ जाए। ऐसे पशुओं का दूध नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ऐसा दूध सेहत के लिए हानिकारक होता है।
जिस बर्तन में दूध निकाला जा रहा है वह साफ सुथरा कीटाणु रहित होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि दूध वाला दूध निकालने के बाद उसमें पानी या अन्य किसी प्रकार की कोई मिलावट तो नहीं कर रहा है।
गाय भैंस के अलावा बकरी का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है लेकिन बकरी के दूध का उत्पादन कम होने के कारण वह सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाता है।
पैकिंग वाला दूध:
इस तरह का दूध ताजा नहीं होता है यह दूध पशुओं से निकलने के लगभग 24 से 48 घंटों के बाद ग्राहकों तक पहुंचता है इस तरह का दूध कई वैरायटी में मिलता है- जैसे फुल क्रीम दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध आदि
फुल क्रीम दूध:
इस तरह के दूध में से क्रीम को अलग नहीं किया जाता है और इसमें फैट की मात्रा अधिक होती है पैकिंग वाले दूध की तुलना में यह दूध उत्तम होता है।
टोंड दूध:
फुल क्रीम दूध में से फैट की मात्रा को कम कर दिया जाता है हालांकि दूध में न्यूट्रीशन कैल्शियम और प्रोटीन भी उचित मात्रा में बनी रहती है।
डबल टोंड दूध:
फुल क्रीम में से टोंड दूध की तुलना में अधिक मात्रा में फैट निकाल दिया जाता है फिर भी ऐसे दूध में न्यूट्रिशन, कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा बनी रहती है।
पैकिंग वाले दूध खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें।
बाजार में मिलावटी दूध भी मौजूद है इस तरह के दूध में अरारोट, पानी, यूरिया आदि की मिलावट करके दूध की मात्रा को बढ़ा देते हैं। ऐसे दूध सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।
सिंथेटिक दूध:
ऐसा दूध जिसमे डिटर्जेंट, तेल, यूरिया, रंग इत्यादि मिलाकर दूध बनाया जाता है और इसमें स्वाद बनाने के लिए कुछ मात्रा दूध की भी डाल दी जाती है। ऐसे दूध का इस्तेमाल स्टेशनों पर चाय, शेक, लस्सी आदि बनाने वाले लोग करते हैं, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।