Soch 2

 


 
सोच 2

सोच के कारण हमारी ज़िन्दगी में कैसे व्यावहारिक बदलाव आता है ये तो हम जान चुके है पिछले लेख में लेकिन सोच के एक और रूप के बारे में जानते है जिसके कारण जीवन बहुत सरल और सुगम हो जाता है।   

क्या कभी आपने ध्यान दिया कि सोच के कारण ही नए अविष्कार किये जाते है। इंसान अपनी इच्छाओं और ज़रूरतों की पूर्ति के लिए खोज करने को प्रेरित होता है। किसी भी नई खोज या अविष्कार के लिए सोच -विचार करना पड़ता है और परिणामस्वरूप जब अविष्कारों के सुखद परिणाम सामने आते है तो हमारी ज़िन्दगी आसान हो जाती है। इस तरह से सोच हमारी ज़िन्दगी में भौतिक रूप से बदलाव लाती हैा  

उदहारण के तौर पर आप अपने घर में ही देख लें की कितनी मशीनें या वस्तुएँ  ऐसी है जो आपके दिनचर्या को आसान बनाती हैं। 

कई बार एक साधारण सी सोच भी एक ऐसे सवाल को जन्म देती है जो होता तो बहुत मामूली है लेकिन उसका जवाब किसी के पास नहीं होता। एक ऐसी ही सोच से उपजे सवाल पर जब शोध किया गया तो उसके परिणाम ने सबको हैरान कर दिया था।  

हुआ यूं था कि एक बार जब Newton नामक वैज्ञानिक एक सेब के पेड़ के नीचे आराम कर रहा था, अचानक एक सेब उसके सिर पर आ गिरा उसने सेब उठाया और कुछ सोचने लगा फिर उसके दिमाग में एक सवाल आया की यह सेब ऊपर क्यों नहीं गया या हवा में ही क्यों नहीं लटका रह गया। ये विचार आते ही वह उठा और अपने आसपास पड़ी हुई चीज़ों को ऊपर की ओर फेंकने लगा वो सभी चीज़े वापस ज़मीन पर आकर गिर जाती। फिर उसने इसी बात पर खोज शुरू कर दी जिसके फलस्वरूप हमें पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल (ग्रेविटी) होने के बारे में पता लगा। अब पूरी दुनिया परिचित है की ग्रेविटी क्या है। ऐसे और भी बहुत से उदहारण हैं। 

अब हम ऐसे अविष्कारों के बारे में जानेंगे जिनके बारे में सोचा ही नहीं गया था बल्कि वो किसी गलती या संयोगवश हो गए।  ये स्तिथि बिलकुल वैसी है जैसे की किशोर कुमार द्वारा गाए हुए गीत के बोल है "जाना था जापान पहुँच गए चीन समझ गए न"

जिन अविष्कारों के बारे में कुछ प्लान नहीं किया गया था ऐसे ही अविष्कारों के बारे में जानते है -

 

1. पोटैटो चिप्स: पोटैटो (आलू) चिप्स खाना हम सब को बहुत पसंद है, लेकिन क्या आप जानते है कि यह अद्भुत आविष्कार जॉज क्रम के द्वारा गुस्से में किया गया था। दरअसल, जॉज क्रम एक रेस्टोरेंट में शेफ का काम करते थे। एक दिन एक कस्टमर ने जॉर्ज क्रम के बनाए हुए फ्राइ पोटैटो यह कहकर बार-बार वापस कर रहा था कि यह ड्राय और क्रंची नहीं हैं।  इस बात से तंग आकर जॉर्ज ने आलू को बहुत पतले आकार में काटकर गर्म ग्रीस में फ्राई किया और उस पर नमक डालकर सर्व किया। जब उस कस्टमर ने वह डिश खाई तो उसे वह बहुत पसंद आई इसके बाद तो यह डिश पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गई।   

 2. कोका कोला: आपने कोका कोला कभी न कभी जरूर पिया होगा, लेकिन क्या आप जानते है कोका कोला का आविष्कार गलती से हुआ है? जॉन पेम्बर्टन स्टाइथ नाम के फार्मासिस्ट सिर दर्द का इलाज करने के लिए कोला नट और कोला की पत्तियों को मिलाकर प्रयोग कर रहे थे। उनके लैब असिस्टेंट ने संयोगवश दोनों को कार्बोनेटेड वॉटर से मिला दिया, फलस्वरूप एक पेय पदार्थ बन गया और कोका कोला नाम से मार्केट में आया.

एक्स-रे: 1895 में विल्हेम रोएंटगेन अपनी प्रयोगशाला में कैथोड किरणों के साथ प्रयोग कर रहे थे। उन्होंने देखा कि कैथोड-रे ट्यूब से कई फीट दूर रखी एक फ्लोरोसेंट स्क्रीन चमकने लगी, उन्होंने महसूस किया कि किरण का कोई नया रूप वस्तुओं से होकर गुजर रहा था और प्रतिदीप्ति उत्पन्न कर रहा था। उन्होंने इन किरणों को "एक्स-रे" कहा। इस अचानक हुई खोज ने चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस खोज के कारण डॉक्टर अब शरीर के अन्दर की स्थिति से अवगत हो जाते हैं वो भी किसी जटिल प्रक्रियाओं के बिना, इस खोज ने मानव के एक जटिल काम को आसान कर दिया।  

इनके जैसे बहुत सारे ऐसे अविष्कार हैं जो बिना किसी प्लानिंग या सोच के हुए है। अगर हम उनका उल्लेख करेंगे तो हमारा विषय ही बदल जायेगा। 

लेकिन फिर भी यह तो तय है कि बिना सोच के हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है।  

अगर ज़िंदगी ने साथ दिया तो फिर एक नई सोच के साथ मिलेंगे।

 

 

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